काँगड़ा और भाषा ‘काँगड़ी’

भारत देश के राज्‍यों में   हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी प्रदेश है। जो कि हिमालय की गोद में बसा हुआ   है।   इसके 12 जिलों में से   जिला कांगड़ा   का एक   अपना   अस्‍तित्‍व है। 

यह जिला   अपनी सुंदरता के मनमोहक दृश्‍यों से   बहुत सारे   पर्यटकों को लुभाता है। इसके पहाड़ों को धौलाधार पहाड़ों के नाम जाना जाता है।   इसका अपना शहर   कांगड़ा   जिसका   एेतिहासिक   नाम  " नगरकोट"   था जिसे   बाद   में  ' त्रिगर्त के   नाम   से   जाना   गया।   कांगड़ा   की   खोज   चंद्रेश   वंश   के   कटोच   क्षत्रिय   राजपूतों   ने   की।   यहां   पर   इन   राजाओं   के   पुराने   किले   भी   हैं।   यहां   के   लोगों   की   मातृ   भाषा   कांगड़ी   बोली   है।   यह   बोली   कांगड़ा   जिले   के   साथ   लगते   जिला   हमीरपुर चंबा ऊना मंडी बिलासपुर   में   भी   बोली   जाती   है।   अगर हम बात करें इस जिले की बोलियों की , तो यहां गद्दी , नूरपुरी भटयाती बोलियां भी बोली जाती हैं। इसके   इलावा   यहां   हिंदी   और   अंग्रेजी   भी   बोली   जाती   है।   सन  2012  की   जनगणना   के   अनुसार   जिला   कांगड़ा   की   आबादी , 1,507,223  है जिनमें  420864  लोग   गाँवों   में   और  86359  शहरों   में   बसते   हैं। इसकी 16 तहसीलें और 9 उप तहसीलें हैं। यहां की एकता और भाईचारा ही हमारी मुख्य पहचान है।